इस योजना का उद्देश्य क्या है?
इस योजना का मुख्य उद्देश्य कृषि क्षेत्र में पिछड़े जिलों का समग्र विकास करना है। इसके लिए 11 मंत्रालयों की 36 योजनाओं का लाभ किसानों को मिलेगा। यह योजना देश के 100 पिछड़े जिलों में लागू की जाएगी। इससे किसानों को आधुनिक कृषि, सिंचाई, भंडारण क्षमता, तकनीक और अन्य पूरक व्यवसायों को अपनाने के लिए प्रोत्साहन मिलेगा।
धन धान्य कृषि योजना की विशेषताएँ
1) 11 मंत्रालयों की 36 योजनाएँ एक साथ क्रियान्वित की जाएँगी
2) 100 पिछड़े जिलों का चयन और विकास
3) किसानों की आय में वृद्धि और कृषि उत्पादकता में वृद्धि
4) स्थायी और जलवायु-अनुकूल कृषि को बढ़ावा
इस योजना का वार्षिक बजट
केंद्र सरकार इस योजना पर प्रतिवर्ष 24,000 करोड़ रुपये खर्च करेगी। इस राशि का उपयोग विभिन्न कृषि-संबंधी कार्यक्रमों और जिलों के समग्र विकास के लिए किया जाएगा।
जिलों का चयन कैसे किया जाएगा?
100 जिलों का चयन तीन प्रमुख मानदंडों पर आधारित होगा:
1) कम उत्पादकता (Low Productivity) - उत्पादन क्षमता में पिछड़े जिले
2) मध्यम फसल सघनता (Moderate Crop Intensity) - फसलों में कम सघनता
3) औसत से कम ऋण पहुँच (Below-Average Credit Parameters) - कम ऋण पहुँच वाले जिले
योजना का क्रियान्वयन कैसे किया जाएगा?
1) यह योजना राज्य सरकार, ज़िला और तालुका स्तर पर लागू की जाएगी।
2) प्रत्येक ज़िले के लिए एक मास्टर प्लान तैयार किया जाएगा।
3) निगरानी दल और प्रौद्योगिकी साझेदार नियुक्त किए जाएँगे।
4) कृषि क्षेत्र के सभी संबंधित हितधारकों को एक साथ लाया जाएगा।
इस योजना से किसानों को क्या लाभ होगा?
1) पूरक व्यवसायों को बढ़ावा देना - बकरी पालन, मुर्गी पालन, खाद्य प्रसंस्करण
2) कटाई के बाद के लघु उद्योग - कृषि उपज पर आधारित प्रसंस्करण उद्योग
3) सिंचाई, भंडारण, तकनीकी सुविधाएँ - आधुनिक कृषि के लिए सर्वांगीण समर्थन
4) फसल विविधीकरण को बढ़ावा देना - एक ही फसल पर निर्भरता कम करना
FAQs
प्रश्न 1: प्रधानमंत्री धन-धान्य कृषि योजना क्या है?
उत्तर: यह योजना देश के पिछड़े ज़िलों के किसानों के लिए लागू की जाएगी और 11 मंत्रालयों की 36 योजनाओं का लाभ एक साथ प्रदान किया जाएगा।
प्रश्न 2: किसानों को प्रत्यक्ष लाभ कैसे मिलेगा?
उत्तर: किसानों को प्रत्यक्ष लाभ नहीं मिलेगा, बल्कि उनके ज़िलों में सुविधाएँ बढ़ाकर अप्रत्यक्ष रूप से लाभ प्रदान किया जाएगा।
प्रश्न 3: क्या मुझे इस योजना के लिए आवेदन करना होगा?
उत्तर: नहीं। ज़िलों का चयन सरकार द्वारा किया जाएगा। किसानों को कोई फॉर्म नहीं भरना होगा।