Home  |  Ai Sprayer Technology: अब कृत्रिम बुद्धिमत्ता करेगी फसलों की सटीक फवारनी

Ai Sprayer Technology: अब कृत्रिम बुद्धिमत्ता करेगी फसलों की सटीक फवारनी

Add Krushi Marathi as a Trusted Source Krushi Marathi

क्यों है यह मशीन खास?

सेब की खेती खासतौर पर हिमाचल और कश्मीर में बड़े स्तर पर की जाती है। पारंपरिक फव्वारों से छिड़काव करते समय कई चुनौतियां आती हैं – जैसे मजदूरी की लागत, समय की बर्बादी, और कीटनाशकों का अधिक उपयोग। साथ ही पर्यावरणीय खतरे भी बढ़ जाते हैं।

इन सभी समस्याओं को ध्यान में रखते हुए AI टेक्नोलॉजी से लैस यह यंत्र तैयार किया गया है, जो सेब के पेड़ों की संरचना को स्कैन कर के आवश्यकतानुसार Variable Rate Spraying करता है। यानी जहां पत्तियां अधिक हों वहां ज्यादा और जहां कम हों वहां कम स्प्रे।

WhatsApp Group Join Now
Telegram Group Join Now

कैसे काम करती है यह AI Sprayer?

1) ड्यूल ऑप्शन कंट्रोल:

i) डिजिटल डैशबोर्ड से गूगल मैप और ऐप की मदद से मार्ग तय करें।

ii) रिमोट कंट्रोल से 1 किमी दूर तक नियंत्रण संभव.

2) स्मार्ट नोझल सिस्टम:

i) दोनों ओर कुल 8 नोजल (4-4).

ii) प्रत्येक नोजल 40 सेमी की दूरी पर.

iii) स्कैनिंग के अनुसार फव्वारा चालू/बंद होता है.

3) सेंसर और AI सिस्टम:

i) LiDAR सेंसर, RTK GPS और Microcontroller आधारित।

ii) AIROS (Artificial Intelligence Rover for Orchard Spraying) नाम से पहचान.

4) ऊर्जा स्रोत:

i) Lithium-Ion Battery से संचालित

ii) 230 लीटर घोल स्टोरेज क्षमता

5) ऑपरेटिंग फीचर्स:

i) 2.5 मीटर तक छिड़काव क्षमता

ii) 4 व्हील ड्राइव से नियंत्रित गति और दिशा

iii) फव्वारों की ऊंचाई और अंतर समायोज्य

iv) वजन: 100 किलो (बिना घोल)


कितनी है बचत?

फील्ड ट्रायल्स में यह मशीन परंपरागत पद्धति की तुलना में:

1) 30–37% तक कीटनाशकों की बचत करती है।

2) हर बूंद का सदुपयोग करती है, जिससे पर्यावरण पर भी सकारात्मक असर होता है.


कैसे बनी यह मशीन?

1) चार वर्षों तक रिसर्च चली।

2) विज्ञान और तकनीक मंत्रालय से फंड मिलने के बाद 2022 में प्रोजेक्ट को रफ्तार मिली।

3) 2024 में मशीन का वर्किंग प्रोटोटाइप तैयार हुआ।

4) 22 अप्रैल 2024 को पेटेंट के लिए आवेदन और 14 जनवरी 2025 को पेटेंट स्वीकृत


भविष्य की दिशा और स्टार्टअप

1) मशीन को स्टार्टअप मॉडल के तहत व्यवसायिक रूप देने की तैयारी।

2) मशीन की लागत लगभग ₹3–4 लाख अनुमानित.

3) ‘सोल्युबल फर्टिलाइजर इंडस्ट्री असोसिएशन’ द्वारा आयोजित ‘SOMS-2025’ में इस प्रोजेक्ट को राष्ट्रीय स्तर पर दूसरा पुरस्कार मिला.

👉 To see amazing offers from 'Smart Deals' for shopping  Click here

Leave a Comment


No comments yet

Related Blogs