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मलकापुर में फिर फैला लंपी वायरस! जानिए लक्षण, बचाव और उपचार के उपाय

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मलकापुर में लंपी स्किन डिज़ीज ने फिर दी दस्तक

मलकापुर शहर के सालिपुरा वार्ड में लंपी स्किन डिज़ीज़ (Lumpy Skin Disease) ने फिर एक बार पशुपालकों की चिंता बढ़ा दी है। 30 जून को लंपी के लक्षण दो जानवरों में पाए गए, जिनमें से एक सांड की मृत्यु हो गई और दूसरी गाय का इलाज जारी है। इस घटना से पशुपालकों में भय का वातावरण है।

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पशु चिकित्सक टीम का त्वरित निरीक्षण

जैसे ही लंपी के शुरुआती लक्षणों की जानकारी मिली, पशु चिकित्सा अधिकारियों की टीम तुरंत घटनास्थल पर पहुंची। प्रभावित गाय का इलाज तुरंत शुरू किया गया। मृत सांड के शव को अलग किया गया और उचित ढंग से उसका अंतिम संस्कार कर क्षेत्र को सैनिटाइज करने की प्रक्रिया भी शुरू की गई।


पिछले वर्ष 650 से अधिक पशुओं को दिया गया था टीका

पिछले साल तालुका में बड़े पैमाने पर लंपी का प्रकोप फैला था, जिसके चलते 650 से अधिक पशुओं को वैक्सीन दी गई थी। स्थिति नियंत्रित हो गई थी, परंतु इस वर्ष फिर से मरीज मिलने के कारण पशुपालन विभाग ने फिर से टीकाकरण अभियान शुरू करने का निर्णय लिया है।


लंपी वायरस के प्रमुख लक्षण पहचानें

पशुपालकों को नीचे दिए गए लक्षणों पर ध्यान देना चाहिए और नजदीकी पशु चिकित्सालय से तुरंत संपर्क करना चाहिए:

1) आंखों और नाक से पानी आना

2) लिम्फ ग्रंथियों में सूजन

3) दूध उत्पादन में कमी

4) चारा-पानी में अरुचि

5) मुंह व आंखों के आसपास घाव

6) पैरों की सूजन व लंगड़ापन


पशुपालन विभाग की पशुपालकों से अपील

1) पशुपालक अपने गोठों की स्वच्छता बनाए रखें।

2) लक्षण दिखने पर प्रभावित पशु को तुरंत अलग करें।

3) नजदीकी पशु चिकित्सालय को तुरंत सूचित करें।

4) टीकाकरण अभियान में पूरा सहयोग दें।

5) घबराएं नहीं – लंपी रोग का इलाज संभव है।

लंपी स्किन डिज़ीज़ से बचाव के उपाय

1) टीकाकरण: रोग से बचने का सबसे कारगर उपाय है – समय पर वैक्सीन लगवाना।

2) आइसोलेशन: संक्रमित पशु को स्वस्थ पशुओं से तुरंत अलग करें।

3) स्वच्छता: पशुशाला और आसपास की सतहों को नियमित रूप से कीटाणुनाशक से साफ करें।

4) मच्छर-फ्लाई नियंत्रण: लंपी वायरस मच्छरों, मक्खियों और टिक के माध्यम से भी फैलता है।

5) उपचार: कोई सीधा इलाज नहीं, लेकिन पशु चिकित्सक के अनुसार दवाएं (एंटीबायोटिक, दर्द निवारक, मलहम) दी जाती हैं।

6) पोषण व पानी: बीमार पशुओं को अच्छा पोषण और साफ पानी देना जरूरी है ताकि उनकी रोग प्रतिरोधक क्षमता बढ़े।

7) निगरानी: गांव या क्षेत्र में लक्षण दिखने पर तुरंत सूचना देना जरूरी है।

क्यों जरूरी है सतर्कता और देखभाल?

लंपी वायरस एक संक्रामक रोग है, जो साफ-सफाई और आइसोलेशन के अभाव में तेजी से फैलता है। यह कमजोर और छोटे जानवरों के लिए अधिक घातक होता है। समय पर पहचान और टीकाकरण ही इससे बचाव का सबसे अच्छा तरीका है।

विशेषज्ञ की सलाह

"लंपी वायरस का इलाज संभव है। समय पर टीकाकरण और सतर्कता से पशुओं को बचाया जा सकता है। यह रोग छोटे व कमजोर पशुओं के लिए अधिक खतरनाक है, इसलिए जागरूक रहें और डरें नहीं।"

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