सावधान! आपके आधार कार्ड से हो रही है इंश्योरेंस ठगी

आधार कार्ड बना ठगी का हथियार

पिछले कुछ समय से साइबर ठगों ने एक नया खेल शुरू किया है। ये लोग आपके आधार कार्ड की डिटेल्स का इस्तेमाल करके फर्जी इंश्योरेंस क्लेम निकाल रहे हैं। यूपी पुलिस ने इस मामले की जांच शुरू की है, और जो खुलासे हो रहे हैं, वो चौंकाने वाले हैं।

राज ने हाल ही में बताया कि उसने अपने आधार कार्ड की कॉपी एक छोटे से क्लिनिक में दी थी, सोचा था कि बस इलाज के लिए चाहिए। लेकिन कुछ ही दिनों बाद उसे पता चला कि उसके नाम पर कोई इंश्योरेंस पॉलिसी खरीदी गई, जिसके बारे में उसे भनक तक नहीं थी! डरावना है, है ना?

ठग कैसे करते हैं ये खेल?

साइबर ठगों का तरीका बड़ा शातिराना है। चलिए, इसे स्टेप-बाय-स्टेप समझते हैं:

  • आधार डिटेल्स की चोरी : ये ठग छोटे-छोटे गाँवों और अस्पतालों से मरीजों के आधार नंबर हासिल कर लेते हैं। कई बार मरीजों को इलाज में मदद या नकद पैसे का लालच देकर उनकी जानकारी ले ली जाती है।

  • मोबाइल नंबर बदलना : आधार में रजिस्टर्ड मोबाइल नंबर को बदल दिया जाता है, ताकि असली मालिक को कोई नोटिफिकेशन न मिले।

  • फर्जी पॉलिसी और क्लेम : इसके बाद ठग उस आधार पर महंगी इंश्योरेंस पॉलिसी खरीदते हैं और फर्जी क्लेम निकालकर पैसा छोटे बैंकों में ट्रांसफर कर लेते हैं।

Niva Bupa Health Insurance के एमडी कृष्णन रामचंद्रन के मुताबिक, उनकी कंपनी को ऐसे 2-3 मामले मिल चुके हैं। इंडस्ट्री के जानकार बताते हैं कि देश में 10-15% इंश्योरेंस क्लेम फर्जी हो सकते हैं।

यूपी पुलिस की कार्रवाई

जुलाई के आखिर में यूपी पुलिस ने कई इंश्योरेंस कंपनियों को नोटिस भेजकर उनके कर्मचारियों और फ्रॉड कंट्रोल टीम की जानकारी मांगी। पुलिस को शक है कि इस रैकेट में कुछ अंदरूनी लोग भी शामिल हो सकते हैं। फिलहाल, इस पूरे नेटवर्क की जांच चल रही है, और पुलिस ने लोगों से सावधानी बरतने की अपील की है।

आप कैसे रहें सुरक्षित?

साइबर ठगों से बचने के लिए आपको थोड़ी सतर्कता बरतनी होगी। यहाँ कुछ टिप्स हैं, जो मैंने खुद भी अपनाए हैं:

  • आधार डिटेल्स शेयर न करें : अपनी आधार डिटेल्स किसी के साथ साझा करने से पहले दो बार सोचें। अगर कोई क्लिनिक या व्यक्ति माँगता है, तो उसकी सत्यता जांचें।

  • बायोमेट्रिक लॉक करें : अपने आधार के फिंगरप्रिंट और आईरिस डेटा को लॉक करें। ये ऑनलाइन UIDAI की वेबसाइट से आसानी से हो सकता है।

  • नोटिफिकेशन चेक करें : अपने आधार से जुड़े मोबाइल नंबर और ईमेल को समय-समय पर चेक करें। अगर कोई बदलाव दिखे, तुरंत UIDAI को सूचित करें।

  • शक होने पर पुलिस से संपर्क करें : अगर आपको लगता है कि आपके आधार का गलत इस्तेमाल हुआ है, तो तुरंत 1930 पर कॉल करें या नजदीकी साइबर क्राइम थाने में शिकायत दर्ज करें।

साइबर ठगी का बढ़ता खतरा

ये कोई नई बात नहीं है कि साइबर क्राइम बढ़ रहा है। पिछले साल भारत में साइबर ठगी से 22,845 करोड़ रुपये की चपत लगी थी, और 2023 में ये आँकड़ा 7,465 करोड़ था। आधार कार्ड से जुड़े फ्रॉड अब पहले से ज्यादा शातिर हो गए हैं। चाहे वो फर्जी सिम कार्ड हो, डिजिटल अरेस्ट हो, या अब ये इंश्योरेंस फ्रॉड ठग हर बार नया तरीका ढूंढ लेते हैं।

सतर्क रहें, सुरक्षित रहें

साइबर ठगों का ये नया खेल दिखाता है कि हमें अब पहले से ज्यादा सावधान रहने की जरूरत है। आधार कार्ड हमारी पहचान का आधार है, लेकिन अगर ये गलत हाथों में पड़ जाए, तो मुसीबत बन सकता है। तो अगली बार जब कोई आपसे आधार डिटेल्स माँगे, तो थोड़ा रुकें, सोचें, और सत्यता की जांच करें।