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त्योहारों में खाद्य पदार्थों में मिलावट: खाद्य पदार्थों की पहचान और सुरक्षा

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त्योहारों में मिलावट: एक गंभीर समस्या

त्योहारों का मौसम उत्सव और खुशियों का समय होता है, लेकिन इस दौरान खाद्य पदार्थों में मिलावट की घटनाएं चिंता का विषय बनती हैं। 18 सितंबर 2025 तक के आंकड़ों के अनुसार, खाद्य सुरक्षा और मानक प्राधिकरण (FSSAI) ने बताया कि त्योहारों में मिठाइयों और डेयरी उत्पादों में मिलावट के मामले 30% तक बढ़ जाते हैं। इसकी वजह बाजार में मांग बढ़ना और कम लागत में अधिक मुनाफा कमाने की होड़ है।

मिलावटखोर सस्ते रसायनों, कृत्रिम रंगों और अशुद्ध पदार्थों का इस्तेमाल करके उपभोक्ताओं के स्वास्थ्य से खिलवाड़ करते हैं। इसलिए, जागरूकता और सही पहचान जरूरी है ताकि त्योहार सुरक्षित और स्वस्थ रहें।

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कौन से खाद्य पदार्थों में मिलावट की संभावना अधिक?

त्योहारों में कुछ खाद्य पदार्थों में मिलावट की संभावना खास तौर पर बढ़ जाती है। इनमें शामिल हैं:

  • मिठाइयाँ : दिवाली, होली और अन्य त्योहारों पर मिठाइयों की मांग चरम पर होती है, जिससे खोया, बर्फी और लड्डू में मिलावट आम है।

  • दूध और डेयरी उत्पाद : दूध, पनीर, छाछ और घी में पानी, स्टार्च या वनस्पति तेल मिलाया जाता है।

  • मसाले और तेल : हल्दी, मिर्च पाउडर और खाद्य तेल में कृत्रिम रंग और सस्ते पदार्थ मिलाए जाते हैं।

  • शीतल पेय और फल : बाजार में बिकने वाले जूस और फलों पर मोम की परत चढ़ाई जा सकती है।

FSSAI के अनुसार, 2024 में देशभर में 15,000 से अधिक नमूनों की जांच में 25% में मिलावट पाई गई, जो त्योहारों के मौसम में और बढ़ जाती है।


मिलावट के स्वास्थ्य पर प्रभाव

मिलावटी खाद्य पदार्थ खाने से गंभीर स्वास्थ्य समस्याएं हो सकती हैं। प्रमुख प्रभाव इस प्रकार हैं:

  • पेट दर्द, अपच, उल्टी और दस्त जैसी समस्याएं तुरंत हो सकती हैं।

  • लंबे समय तक कृत्रिम रंगों के सेवन से किडनी और लिवर खराब हो सकते हैं।

  • कैंसर और त्वचा संबंधी रोगों, जैसे मुंहासे, का खतरा बढ़ जाता है।

  • बच्चों और बुजुर्गों में फूड पॉइज़निंग के मामले 20% तक बढ़े हैं, जैसा कि 2023 के स्वास्थ्य सर्वेक्षण में पाया गया।


मिलावट की पहचान कैसे करें?

खाद्य पदार्थों में मिलावट की पहचान करने के लिए कुछ सरल तरीके अपनाए जा सकते हैं:

  • रंग और चमक : प्राकृतिक उत्पादों का रंग हल्का होता है। अत्यधिक चमकीला रंग कृत्रिमता का संकेत है।

  • कीमत : बाजार मूल्य से सस्ते उत्पादों में मिलावट की आशंका रहती है।

  • गंध : असामान्य या तेज गंध मिलावट की ओर इशारा करती है।


दूध और डेयरी उत्पादों की जांच

  • दूध में पानी की मिलावट जांचने के लिए इसे गिलास में डालें; अगर यह तेजी से फैले, तो संदेह करें।

  • आयोडीन की बूंदें डालने पर नीला रंग आना स्टार्च की मौजूदगी दर्शाता है।

  • पनीर को गर्म पानी में डालने पर अगर यह पिघल जाए, तो यह मिलावटी है।

मसाले और तेल की पहचान

  • हल्दी में पानी डालने पर झाग आना रसायनों की मौजूदगी को दर्शाता है।

  • घी को फ्रिज में रखने पर अगर अलग-अलग परतें दिखें, तो यह शुद्ध नहीं है।

  • मिर्च पाउडर हाथों पर चिपके तो कृत्रिम रंग का संकेत है।

फल और सब्जियों की जांच

  • धोने के बाद अगर फलों पर तैलीय परत बनी रहे, तो मोम की कोटिंग हो सकती है।

  • कटे फलों में असामान्य गंध या रंग पर ध्यान दें।

मिलावट से बचाव के उपाय

सुरक्षित खरीदारी और स्वास्थ्य संरक्षण के लिए निम्नलिखित कदम उठाएं:

  • हमेशा FSSAI लोगो वाले पैकaged उत्पाद खरीदें।

  • खुले में बिकने वाले मिठाइयों, दूध और मसालों से बचें।

  • घर पर सरल परीक्षण, जैसे आयोडीन टेस्ट, करें।

  • मिलावट की शिकायत के लिए स्थानीय खाद्य सुरक्षा अधिकारी से संपर्क करें।

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