साफ-सफाई है सबसे जरूरी
बरसात में हवा में नमी बढ़ जाती है, और ये नमी बैक्टीरिया और फंगस के लिए बिल्कुल मुफीद माहौल बनाती है। अगर मुर्गियों का बाड़ा गंदा रहा, तो बीमारियों का खतरा दोगुना हो जाता है। इसलिए रोजाना बाड़े की सफाई करें। फर्श को सूखा रखने की कोशिश करें, कीचड़ या गंदगी जमा न होने दें।
हमने एक किसान से बात की उन्होंने बताया कि वो हर हफ्ते डिसइन्फेक्टेंट का छिड़काव करते हैं, जिससे बाड़े में संक्रमण नहीं फैलता। साफ-सुथरा माहौल न सिर्फ मुर्गियों को बीमारियों से बचाता है, बल्कि अंडे और मांस का उत्पादन भी बढ़ाता है।
चारे को रखें सूखा और सुरक्षित
बरसात में चारे का खराब होना आम बात है। गीला चारा खाने से मुर्गियों को डायरिया जैसी समस्याएं हो सकती हैं, जो उनके वजन और सेहत पर बुरा असर डालता है। चारे को हमेशा सूखे और हवादार जगह पर स्टोर करें। प्लास्टिक के एयरटाइट डिब्बे या ड्रम इस काम के लिए बेस्ट हैं।
किसान ने बताया एक बार गलती से चारा खुला छोड़ दिया था, और आधा चारा फंगस की वजह से बर्बाद हो गया। उससे सबक लेकर अब चारे की पैकिंग पर खास ध्यान देता हूँ। अगर चारा सही रहा, तो मुर्गियों की सेहत और उत्पादन दोनों दुरुस्त रहते हैं।
टीकाकरण को न करें नजरअंदाज
बरसात में ठंड और नमी की वजह से मुर्गियों की रोग प्रतिरोधक क्षमता कमजोर हो जाती है। ऐसे में नियमित टीकाकरण उनकी सेहत का रक्षा कवच है। रानीखेत (Ranikhet) और अन्य आम बीमारियों से बचाव के लिए समय पर वैक्सीनेशन करवाएं।
किसान ने बताया गाँव के पशु चिकित्सक ने बताया कि बरसात में टीकाकरण न करने से कई बार पूरा फार्म बीमारी की चपेट में आ जाता है। इसलिए अपने नजदीकी पशु चिकित्सालय से संपर्क करें और टीकाकरण का शेड्यूल बनाएं।
बाड़े को रखें गर्म और सूखा
बरसात में ठंड और नमी मुर्गियों के लिए सबसे बड़ी दुश्मन हैं। अगर बाड़ा गीला और ठंडा रहा, तो मुर्गियां बीमार पड़ सकती हैं। बाड़े को सूखा रखने के लिए छत की मरम्मत पहले ही कर लें। जरूरत हो तो बल्ब या हल्के हीटर का इस्तेमाल करें, ताकि बाड़े में हल्की गर्मी बनी रहे।
किसान ने पिछले साल अपने फार्म में छोटा-सा हीटर लगाया, और उनकी मुर्गियों का वजन पहले से ज्यादा तेजी से बढ़ा। बस इतना ध्यान रखें कि ज्यादा गर्मी भी नुकसानदायक हो सकती है, तो संतुलन बनाए रखें।
कीट नियंत्रण पर दें ध्यान
बरसात में मच्छर, कीड़े और अन्य परजीवियों की तादाद बढ़ जाती है, जो मुर्गियों की सेहत को नुकसान पहुंचा सकते हैं। बाड़े के आसपास पानी जमा न होने दें, क्योंकि ये कीटों का अड्डा बन सकता है। साथ ही, कीट नियंत्रण के लिए सुरक्षित दवाओं का इस्तेमाल करें। स्थानीय कृषि विभाग से सलाह लेकर सही कीटनाशक चुनें। इससे न सिर्फ मुर्गियां स्वस्थ रहेंगी, बल्कि आपके फार्म की उत्पादकता भी बनी रहेगी।
सरकारी सहायता और संसाधन
पोल्ट्री फार्मिंग को और बेहतर बनाने के लिए सरकार कई योजनाएं और संसाधन उपलब्ध कराती है। राष्ट्रीय पशुधन मिशन के तहत पोल्ट्री किसानों को सब्सिडी और तकनीकी सहायता मिल सकती है। साथ ही, स्थानीय पशुपालन विभाग से संपर्क करके ट्रेनिंग प्रोग्राम्स और गाइडलाइंस की जानकारी लें।
अंत में
बरसात का मौसम पोल्ट्री फार्मिंग के लिए चुनौतीपूर्ण हो सकता है, लेकिन सही देखभाल और थोड़ी सावधानी से आप अपने फार्म को न सिर्फ सुरक्षित रख सकते हैं, बल्कि बंपर कमाई भी कर सकते हैं। इन आसान टिप्स को अपनाएं और अपनी मुर्गियों को स्वस्थ रखें।
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