नूंह में भारी बारिश का कहर: खेतों में 4 फीट पानी, एसडीएम ने दिए तत्काल जलनिकासी के आदेश

खेतों में जलभराव, किसानों की चिंता बढ़ी

नूंह जिले के मालब, आकेड़ा, कोटला झील, उजीना और संगेल गांवों में भारी बारिश के कारण खेतों में भयावह जलभराव की स्थिति बन गई है। कई खेतों में पानी की गहराई 4 फीट तक पहुंच गई है, जिससे धान, सब्जियां और अन्य फसलें डूबकर नष्ट हो गई हैं।

किसानों का कहना है कि इस नुकसान ने उनकी आजीविका पर गहरा आघात किया है, और समय पर जलनिकासी न होने से अगली फसल की बुआई भी प्रभावित होगी।

एसडीएम का दौरा, त्वरित कार्रवाई के निर्देश

एसडीएम अंकिता पूनिया ने प्रभावित गांवों का दौरा कर स्थिति का जायजा लिया। उन्होंने राजस्व, सिंचाई, पब्लिक हेल्थ और पंचायती राज विभाग के अधिकारियों को तत्काल पंप लगाकर जलनिकासी शुरू करने के आदेश दिए। उन्होंने स्पष्ट किया कि किसानों और आम नागरिकों को किसी भी तरह की परेशानी बर्दाश्त नहीं की जाएगी।

लापरवाही बरतने वाले अधिकारियों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की चेतावनी भी दी गई। अधिक जानकारी के लिए किसान pmfby.gov.in पर फसल बीमा योजनाओं के तहत नुकसान भरपाई की प्रक्रिया देख सकते हैं।

विभागों को आपसी समन्वय का निर्देश

एसडीएम ने सभी संबंधित विभागों को आपसी तालमेल के साथ काम करने का निर्देश दिया ताकि राहत कार्य तेजी से और प्रभावी ढंग से हो सकें। उन्होंने जोर दिया कि सभी प्रभावित क्षेत्रों में जल्द से जल्द जलनिकासी की व्यवस्था की जाए, ताकि किसानों को राहत मिल सके। इसके अलावा, agricoop.nic.in पर उपलब्ध सरकारी योजनाओं की जानकारी किसानों के लिए उपयोगी हो सकती है।

शहरी क्षेत्रों में भी जलभराव की समस्या

गांवों के साथ-साथ नूंह शहर के कई इलाकों में भी जलभराव की स्थिति गंभीर है। एसडीएम ने नगर परिषद के अधिकारियों को तत्काल जलनिकासी के उपाय करने के निर्देश दिए। उन्होंने यह भी सुनिश्चित करने को कहा कि भविष्य में ऐसी स्थिति से बचने के लिए स्थायी समाधान किए जाएं।

आगे क्या?

लगातार बारिश और जलभराव ने नूंह के ग्रामीण और शहरी दोनों क्षेत्रों को प्रभावित किया है। प्रशासन की सक्रियता और एसडीएम के दौरे से उम्मीद जगी है कि जलनिकासी की प्रक्रिया जल्द शुरू होगी। हालांकि, स्थायी समाधान के लिए सभी विभागों को मिलकर काम करना होगा।