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टमाटर और सब्जियों की खेती में क्रांति लाएगा BC-6 ऑर्गेनिक प्रोडक्ट

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बीसी-6: सब्जियों की खेती के लिए सुपर बूस्टर डोज

वाराणसी के भारतीय सब्जी अनुसंधान संस्थान (IIVR) ने किसानों के लिए एक नया जैविक उत्पाद, BC-6, विकसित किया है। यह सूक्ष्मजीव आधारित मिश्रण टमाटर, मिर्च, मटर और बैंगन जैसी सब्जियों की खेती में क्रांति लाने का वादा करता है। इसके उपयोग से न केवल फसलों की गुणवत्ता और उत्पादन में सुधार होता है, बल्कि यह खेती को पर्यावरण-अनुकूल और किफायती भी बनाता है।

IIVR के निदेशक डॉ. राजेश कुमार ने कहा, "हमारा लक्ष्य ऐसी तकनीकें और उत्पाद विकसित करना है जो किसानों की आय बढ़ाएं और पर्यावरण को संरक्षित करें। BC-6 एक ऐसा रामबाण मिश्रण है जो इन दोनों उद्देश्यों को पूरा करता है।"

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BC-6 क्या है और यह कैसे काम करता है?

BC-6 एक जैविक सूक्ष्मजीव मिश्रण है, जिसमें लाभकारी जीवाणु शामिल हैं। ये जीवाणु मिट्टी और पौधों के साथ सहजीवी संबंध बनाकर काम करते हैं। इसे IIVR के वैज्ञानिकों ने चार साल के गहन शोध के बाद तरल, पाउडर और ग्रेन्यूल रूप में विकसित किया है।

इसके प्रमुख कार्य निम्नलिखित हैं:

  • पोषक तत्वों का प्रबंधन : मिट्टी में मौजूद फॉस्फोरस और जिंक को घुलनशील रूप में बदलकर पौधों के लिए उपलब्ध कराता है।

  • रोग प्रतिरोधक क्षमता : हानिकारक कवक और बैक्टीरिया के खिलाफ प्राकृतिक एंटिबायोटिक्स का उत्पादन करता है।

  • हार्मोन उत्पादन : पौधों की वृद्धि के लिए इंडोल एसीटिक एसिड (IAA) जैसे हार्मोन उत्पन्न करता है।

  • तनाव प्रबंधन : सूखा, अधिक नमी या तापमान की मार से पौधों को बचाता है।


अनुसंधान और विकास की प्रक्रिया

BC-6 को विकसित करने में IIVR के प्रधान वैज्ञानिक डॉ. डी.पी. सिंह और डॉ. सुदर्शन मौर्या की टीम ने अहम भूमिका निभाई। अनुसंधान प्रक्रिया में निम्नलिखित कदम शामिल थे:

  • खेतों से विशेष जीवाणुओं का चयन।

  • उनकी आणविक पहचान और गुणों का गहन अध्ययन।

  • पौधों के साथ सहजीवी संबंध की जांच।

  • विभिन्न रूपों (तरल, पाउडर, ग्रेन्यूल) में उत्पाद का फार्मूलेशन।

डॉ. सिंह ने बताया, "हमने सावधानीपूर्वक जीवाणुओं का चयन किया और उनके गुणों का व्यापक अध्ययन किया। यह उत्पाद प्राकृतिक और टिकाऊ खेती को बढ़ावा देने के लिए बनाया गया है।"


फसलों पर BC-6 का प्रभाव

IIVR द्वारा किए गए BC-6 के उपयोग से टमाटर, मिर्च, मटर और बैंगन जैसी फसलों में शानदार परिणाम देखे गए। प्रमुख सुधार निम्नलिखित हैं:

  • पौधों की ऊंचाई और जड़ों की लंबाई में वृद्धि।

  • तनों की मजबूती और पत्तियों के क्षेत्रफल में बढ़ोतरी।

  • प्रति गुच्छे में अधिक फूल और बेहतर फल सेटिंग।

  • फलों के औसत वजन और गुणवत्ता में सुधार।

डॉ. सुदर्शन मौर्या ने कहा, "परीक्षणों में BC-6 ने फसलों की वृद्धि और उत्पादकता में उल्लेखनीय सुधार दिखाया। यह किसानों के लिए गेम-चेंजर साबित हो सकता है।"


BC-6 की विशेषताएं और लाभ

BC-6 न केवल फसलों की सेहत और उत्पादन को बढ़ाता है, बल्कि यह पर्यावरण के लिए भी लाभकारी है। इसकी प्रमुख विशेषताएं हैं:

  • किफायती खेती : रासायनिक उर्वरकों पर निर्भरता कम करता है, जिससे लागत घटती है।

  • पर्यावरण-अनुकूल : प्राकृतिक जीवाणुओं का उपयोग होने से मिट्टी और पर्यावरण को नुकसान नहीं पहुंचता।

  • उच्च गुणवत्ता : फलों की चमक, आकार और स्वाद में सुधार करता है।

  • टिकाऊ कृषि : मिट्टी की उर्वरता को लंबे समय तक बनाए रखता है।

किसानों के लिए एक नई उम्मीद

BC-6 का उपयोग करके किसान न केवल अपनी फसलों की गुणवत्ता और उत्पादन बढ़ा सकते हैं, बल्कि पर्यावरण-अनुकूल खेती को भी बढ़ावा दे सकते हैं। यह उत्पाद रासायनिक उर्वरकों के उपयोग को कम करके खेती को अधिक टिकाऊ और किफायती बनाता है।

डॉ. राजेश कुमार ने जोर देकर कहा, "BC-6 किसानों के लिए एक वरदान है। यह उनकी आर्थिक स्थिति को मजबूत करने के साथ-साथ पर्यावरण संरक्षण में भी योगदान देगा।"

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